इस तरह से होता है बिहार बोर्ड की10वीं एंव12वीं की कॉपी चेक || This is how Bihar Board’s 10th and 12th copy check is done.
इस तरह से होता है बिहार बोर्ड की10वीं एंव12वीं की कॉपी चेक || This is how Bihar Board’s 10th and 12th copy check is done.
दोस्तों बिहार बोर्ड मैट्रिक एंड इंटरमीडिएट के परीक्षा समाप्त हो गई है और हम आशा करते हैं कि रिजल्ट भी बेहतर ही होगा। दोस्तों क्योंकि आप तो बिहार बोर्ड की स्थिति जान हीं रहे हैं कि क्या हो गई है बिहार बोर्ड की स्थिति और दोस्तों आप कमेंट में जरूर बताइएगा कि आप कहां के निवासी हैं।
दोस्तों आज हम बात करेंगे कि बिहार बोर्ड 10वीं एंव 12वीं की कॉपी किस तरह से चेक की जाती है। मेरा कहने का मतलब है दोस्तों की किसी विद्यार्थी का 30 से कम अंक देकर फेल कर दिया जाता है और दोस्तों किसी विद्यार्थी को 90 से भी अधिक अंक देकर उसे टॉप कराया जाता है। दोस्तों आज हम बात करेंगे कि ऐसा किस लिए किया जाता है।
सबसे पहले दोस्तों बिहार बोर्ड की परीक्षा समाप्त होने के बाद सभी प्रश्नपत्र को एकत्रित कर दिया जाता है और उन्हें विभिन्न केंद्रों पर चेकिंग के लिए भेज दिया जाता है। भेजने से पहले उत्तर पुस्तिका से रोल नंबर और रोल कोड हटा दिया जाता है और उसकी जगह एक गुप्त कोड लिख दिया जाता है। जिसका पता सिर्फ केंद्र के स्टाफ को पता होता है। इसके द्वारा बिहार बोर्ड यह सुनिश्चित करता है कि कॉपी चेक करने में किसी भी तरह के चालाकी ना हो।
उत्तर पुस्तिकाओ के मूल्यांकन करने वाले हर शिक्षक को एक मार्किंग स्कीम दी जाती है
उत्तर पुस्तिकाओ के मूल्यांकन करने वाले हर शिक्षक को एक मार्किंग स्कीम दी जाती है। इस मार्किंग स्कीम में हर एक प्रश्न के उत्तर के लिए उत्तर संकेत या मूल्य बिंदु (Answer Key or Value Points) मौजूद होते है। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान जिस उत्तर में ये सारे उत्तर संकेत या मूल्य बिंदु मौजूद होते है उस उत्तर को शिक्षक पूरे नंबर देता है।
10th and 12th copy check
उत्तर में हर एक स्टेप के होते हैं मार्क्स
BSEB जैसे बोर्ड में हर उत्तर की स्टेप मार्किंग होती है। पूरे नंबर पाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि आपने उत्तर में सभी ज़रूरी स्टेप दिए हो और कोई भी महत्वपूर्ण स्टेप आपसे मिस न हुआ हो। जिस उत्तर में उत्तर संकेत या मूल्य बिंदु (Answer Key या Value Points) का कुछ हिस्सा नहीं होता है तो शिक्षक उस उत्तर में पूरे नंबर नहीं देता भले ही वो सही हो।